क्यों दृढ़ता बुद्धिमान होने से अधिक महत्वपूर्ण है

“बुद्धिमान होने की कुछ सीमाएं हैं, लेकिन दृढ़ता लंबे समय में अधिक महत्वपूर्ण है.” मेरे वरिष्ठ ने कहा।

“आपका क्या मतलब है? बुद्धिमानी होना ज्यादा महत्त्वपूर्ण नहीं हैं?” मैंने पूछा

उंहोंने आगे कहा, “नहीं, मेरा मतलब है कि अगर आप कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हो तब दृढ़ता अक्सर ज्यादा काम आती हैं, जबकि सिर्फ बुद्धिमानी होना पर्याप्त नहीं हो सकता है!”

एक दिन, मेरे वरिष्ठ और मैं अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कर रहे थे। बचपन से, हम अपने आसपास के लोगों के विचारों को सुन रहे है, ज्यादातर लोग बुद्धिमत्ता को बहुत मानते हैं। हमारे आसपास के लोगों को बचपन से ही बुद्धिमानी होने के फायदे बताये गये हैं । हमें अपनी पूरी जिंदगी प्रतिभाशाली होना सिखाया गया ; फिर भी, शायद ही हमारे स्कूलों या कॉलेजों या यहां तक कि हमारे माता पिता की सीख में एक गुणवत्ता – दृढ़ता को महत्व दिया गया है।

हम सभी जानते हैं कि बुद्धिमान होना क्या है किंतु दृढ़ता क्या है और इससे फर्क क्यों पड़ता है?

दृढ़ता- बाधाएं, कठिनाइयां एवं चुनौतियों के बावजूद भी प्रयास जारी रखने की क्षमता है । दृढ़ एवं अपने लक्ष्यों से चिपके हुए को कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसके चारों ओर क्या स्थिति है। समर्पण और अनुशासन के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करना ही दृढ़ संकल्प है।

सफल लोगों का इतिहास उनके जीवन के इस हिस्से की ओर इशारा करता है। उन्होंने हमेशा सारी मुश्किलों को दूर करने की कोशिश की और अपनी सफलता के रास्ते पर चलते रहे चाहे हालात कुछ भी हों।

लेकिन फिर बुद्धिमत्ता कम महत्वपूर्ण क्यों है, जैसा कि मेरे वरिष्ठ ने बताया?

जब प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने की बात आती है तो बुद्धिमत्ता पर्याप्त नहीं हो सकती है। बुद्धिमान लोग जरूरी नहीं कि अपनी संघर्ष में विश्वास रखें। जब चपलता के साथ कार्यों के प्रबंधन, कम समय में कुछ सीखने, या जटिल स्थितियों को समझने की बात आती है, तो बुद्धिमत्ता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

लेकिन बचपन से ही कुछ लोगों को दृढ़ता के बारे में नहीं सिखाया गया है। तो, जो लोग बुद्धिमान हैं, लेकिन दृढ़ नहीं, वह असली सफलता का स्वाद नहीं ले सकते हैं। क्या होगा अगर लोग दृढ़ हैं लेकिन दुनिया की परिभाषा के अनुसार “इतने बुद्धिमान” नहीं हैं?

दृढ़ लोग अपने लक्ष्यों पर विश्वास रखते हैं। उन्हें चीजों को समझने या नए कौशल सीखने में समय लग सकता है। लेकिन कार्य के प्रति उनका रवैया उन्हें सफलता के रास्ते की ओर ले जाता है। दृढ़ लोग तनावपूर्ण स्थितियों, कठिनाइयों को बहुत अच्छी तरह से संभालते हैं और कठिनाइयों के कारण खुद को खोते नहीं हैं।

जब लक्ष्य हमारे लिए महत्वपूर्ण हो तब दृढ़ता आकस्मिक मुश्किल स्थितियों में भी हमे चलते रहने में मदद करता है।

जुनून और प्रोत्साहन दृढ़ता का आधार है। लेकिन बुद्धिमत्ता ऐसा हमेशा नहीं होने देती। दृढ़ता के बिना बुद्धिमानी होना उपयोगी नहीं है। बुद्धिमानी और दृढ़ होना एक इंसान की अच्छी निपुणता है, और दृढ़ता इस तुलना में जीतता है।

समाज को पता होना चाहिए कि बुद्धिमानी का संमान किया जा सकता है, लेकिन दृढ़ता को भी अच्छी तरह से सम्मानित किया जाना चाहिए। हम में से प्रत्येक को दृढ़ता के महत्व को समझना चाहिए और इसे हमारे जीवन का आधार बनाना चाहिए । जो काम करने की आपको चाह हो , और जो करने से आपको खुशी मिलती हो वहीं आपने करना चाहिए। ऐसे कार्यो में आप दृढ़ता रख सकते हैं।

अपनी दृढ़ता को समाज में सार्थकता पैदा करने का रास्ता बनाएं।

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